Vande Bharat train पर पत्थरबाजी के आरोपी गिरफ्तार, बोले- ‘मोबाइल छीनने के लिए तोड़ते थे शीशे’
Vande Bharat train: देश के विभिन्न राज्यों से वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आती रहती हैं। अब उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS) ने वाराणसी में वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी करने वाले एक गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए एक वांछित आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने खुलासा किया है कि वह पत्थर फेंककर ट्रेन के शीशे तोड़ता था ताकि ट्रेन की रफ्तार कम हो जाए और खिड़की के पास बैठे यात्रियों से मोबाइल छीनने में आसानी हो।
आरोपी कैसे पकड़ा गया?
दरअसल, 23 अगस्त को रांची-वाराणसी वंदे भारत ट्रेन पर व्यासनगर और काशी स्टेशन के पास पत्थरबाजी हुई थी। इस घटना में एक युवक जिसका नाम पवन कुमार साहनी है, उसे गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान पवन ने बताया कि पत्थरबाजी में हुसैन उर्फ शाहिद भी शामिल था। मामला संदिग्ध होने के कारण यूपी एटीएस ने मुघलसराय, चंदौली में किराए के मकान में रहने वाले हुसैन उर्फ शाहिद को गिरफ्तार कर पूछताछ की। पूछताछ के दौरान शाहिद ने खुलासा किया कि पत्थरबाजी के बाद ट्रेन की रफ्तार कम हो जाती थी, जिससे वह और उसके साथी ट्रेन के दरवाजे और खिड़कियों के पास बैठे यात्रियों से मोबाइल फोन आसानी से छीन लेते थे।
पत्थरबाजी का मकसद
आरोपी शाहिद ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह और उसके साथी जानबूझकर वंदे भारत ट्रेन के शीशों पर पत्थर फेंकते थे ताकि शीशा टूट जाए और ट्रेन की गति कम हो जाए। पत्थरबाजी से ट्रेन की गति में कमी आने के बाद, वह अपने साथी के साथ मिलकर ट्रेन के दरवाजे और खिड़कियों के पास बैठे यात्रियों से मोबाइल फोन और अन्य कीमती सामान छीनने का प्रयास करता था। उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह की घटनाएं खास तौर पर उन इलाकों में की जाती थीं जहां ट्रेन की गति स्वाभाविक रूप से धीमी हो जाती थी, जैसे स्टेशन के आस-पास के इलाके। इससे वे आसानी से अपराध को अंजाम दे पाते थे।
एटीएस ने क्या कहा?
उत्तर प्रदेश एटीएस ने बताया है कि वे रेलवे दुर्घटनाओं के माध्यम से भय फैलाने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए विभिन्न माध्यमों से जानकारी जुटा रहे हैं। इस तरह की गतिविधियों पर काबू पाने के लिए प्रयास जारी हैं। इसी क्रम में यूपी एटीएस ने वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी करने वाले वांछित आरोपी हुसैन उर्फ शाहिद को गिरफ्तार किया है।
एटीएस ने आगे बताया कि इस गिरोह का मुख्य उद्देश्य यात्रियों से कीमती सामान जैसे मोबाइल फोन, पर्स और अन्य उपकरणों को लूटना था। पत्थरबाजी की घटनाएं यात्रियों और रेलवे संपत्ति दोनों के लिए खतरा पैदा करती हैं, और इन पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है। हुसैन उर्फ शाहिद को पकड़ने के बाद एटीएस अब गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाने के लिए जांच कर रही है।
रेलवे सुरक्षा बल को सौंपा गया आरोपी
पूछताछ के बाद, आरोपी हुसैन उर्फ शाहिद को यूपी एटीएस की वाराणसी फील्ड यूनिट ने व्यासनगर, चंदौली के रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के हवाले कर दिया। अब रेलवे सुरक्षा बल इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई कर रहा है। एटीएस की इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि रेलवे की संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वंदे भारत पर पत्थरबाजी की घटनाएं: एक बड़ी चुनौती
वंदे भारत एक्सप्रेस, जो देश की सबसे तेज और आधुनिक ट्रेनों में से एक है, पर पत्थरबाजी की घटनाएं रेलवे प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं। इन घटनाओं से न केवल ट्रेन की सुरक्षा खतरे में पड़ती है, बल्कि यात्रियों के जीवन को भी गंभीर खतरा होता है। वंदे भारत जैसी हाई-स्पीड ट्रेनें पत्थरबाजी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो सकती हैं, जिससे बड़ी जनहानि हो सकती है।
हाल के समय में कई राज्यों से वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें ट्रेन की खिड़कियों के शीशे टूट गए और यात्रियों को चोटें भी आई हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और राज्य पुलिस को मिलकर काम करना होगा ताकि अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके और इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
पत्थरबाजी के पीछे का मनोविज्ञान
आरोपियों द्वारा की गई पत्थरबाजी के पीछे का मकसद केवल लूटपाट तक सीमित नहीं है। कई बार इस तरह की घटनाएं शरारती तत्वों द्वारा केवल मजाक या नासमझी में भी की जाती हैं। लेकिन, इस तरह की हरकतें गंभीर अपराध की श्रेणी में आती हैं, क्योंकि यह यात्रियों और रेलवे संपत्ति दोनों के लिए खतरनाक होती हैं। कई मामलों में, यह देखा गया है कि ट्रेन के शीशे टूटने से यात्रियों को गंभीर चोटें आई हैं और इससे ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने का भी खतरा रहता है।
इसलिए, यह बेहद जरूरी है कि समाज में इस तरह की हरकतों के प्रति जागरूकता फैलाई जाए और लोगों को यह समझाया जाए कि इस तरह की घटनाओं से गंभीर परिणाम हो सकते हैं। पत्थरबाजी जैसी हरकतों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि इससे जनहानि भी हो सकती है।
रेलवे सुरक्षा बल की जिम्मेदारी
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए और अधिक सतर्क होना पड़ेगा। ट्रेन के उन मार्गों पर जहां ऐसी घटनाएं अधिक होती हैं, वहां पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत है। इसके अलावा, रेलवे के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों का अधिक उपयोग किया जाए और सुरक्षा बलों की गश्त को बढ़ाया जाए।
इसके साथ ही, रेलवे को स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर उन इलाकों की पहचान करनी होगी जहां ट्रेन पर पत्थरबाजी की घटनाएं अधिक होती हैं और वहां पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएं। यह जरूरी है कि रेलवे सुरक्षा बल और राज्य पुलिस मिलकर ऐसे अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ें और उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।